
5 सितंबर 2025 शिक्षक दिवस के अवसर पर सीजी पंचायत न्यूज़ 24/7 न्यू चैनल के तरफ से हमारे देश के सभी गुरुओं एवं शिक्षकों को हार्दिक शुभकामनाएं ।
✍️ निबंध : शिक्षकों और गुरुओं के सम्मान में
प्रस्तावना
शिक्षक और गुरु हमारे जीवन के वह महान व्यक्तित्व होते हैं जो हमें अज्ञान के अंधकार से निकालकर ज्ञान का प्रकाश देते हैं। एक विद्यार्थी के जीवन में माता-पिता जन्म देते हैं, परंतु शिक्षक उसे जीने की कला और संस्कार सिखाते हैं। इसी कारण भारतीय संस्कृति में गुरु को ईश्वर से भी ऊँचा स्थान दिया गया है।
गुरु और शिक्षक का महत्व
गुरु और शिक्षक केवल पाठ्यपुस्तक का ज्ञान ही नहीं कराते, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में मार्गदर्शन करते हैं। वे हमारे चरित्र का निर्माण करते हैं, हमें समाज के योग्य नागरिक बनाते हैं और कठिन परिस्थितियों में हमें सही निर्णय लेने की प्रेरणा देते हैं।
भारत की परंपरा में कहा गया है –
“गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागूं पाय।
बलिहारी गुरु आपने, गोविंद दियो बताय॥”
इस दोहे से स्पष्ट होता है कि गुरु ही वह सेतु हैं, जो हमें ईश्वर तक पहुँचने का मार्ग दिखाते हैं।
शिक्षक दिवस और सम्मान
हमारे देश में प्रत्येक वर्ष 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। यह दिन भारत के पूर्व राष्ट्रपति और महान दार्शनिक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस दिन हम अपने शिक्षकों को याद कर उनका सम्मान करते हैं और उनके प्रति आभार प्रकट करते हैं।
शिक्षकों का सम्मान केवल एक दिन तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि यह हमारे जीवन का स्थायी भाव होना चाहिए। उनकी मेहनत, त्याग और मार्गदर्शन ही हमें सफलता की ओर ले जाता है।
हमारा कर्तव्य
विद्यार्थियों का यह दायित्व है कि वे अपने शिक्षकों का सम्मान करें, उनके बताए मार्ग पर चलें और उनके परिश्रम को सार्थक बनाएँ। एक अच्छे विद्यार्थी का आचरण ही उसके शिक्षक का सबसे बड़ा सम्मान होता है।
उपसंहार
गुरु और शिक्षक समाज की नींव होते हैं। यदि शिक्षक न हों, तो समाज और राष्ट्र का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा। इसलिए हमें सदैव अपने गुरुओं का आदर करना चाहिए और उनके प्रति कृतज्ञ रहना चाहिए।
सच ही कहा गया है –
“गुरु बिना ज्ञान नहीं, और ज्ञान बिना जीवन नहीं।”
*निबंधलेखनकर्ता:*
*संपादक:*
रीतेश कुमार मनहर
सीजी पंचायत न्यूज 24/7
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