प्रोत्साहन राशि से वंचित आवास मित्र, योजना संचालन में आ रही कठिनाई

जांजगीर-चांपा। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत गरीबों के लिए आवास निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाले आवास मित्र आज भी अपनी प्रोत्साहन राशि से वंचित हैं। इस संबंध में जिला पंचायत जांजगीर-चांपा ने कलेक्टर को पत्र भेजकर शीघ्र भुगतान सुनिश्चित करने की मांग की है। जिला पंचायत का यह पत्र क्रमांक 11086/PMAY-G/जि.प./2024-25 दिनांक 05 सितंबर 2024 जारी किया गया है।
पत्र में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत आवास मित्रों को विशेष रूप से जोड़ा गया है, ताकि वे लाभार्थियों को घर निर्माण कार्य में सहयोग दे सकें और योजना का संचालन सुगमता से हो। इन आवास मित्रों को निर्धारित अवधि में घर पूरा कराने पर प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान है।
निर्धारित दर पर राशि भुगतान का प्रावधान
योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार, आवास मित्रों को घर के क्षेत्रफल के आधार पर प्रोत्साहन राशि दी जानी है। इसमें 300 प्रति आवास पंजीयन जिओ टेकिंग स्वीकृत प्रथम किस्त जारी तथा ले आउट होने के पश्चात
300 रुपए प्रति आवास जिओ टेकिंग गुड़व्वता युक्त आवास एवं छत ढलाई पूर्ण होने के पश्चात
400 रुपए प्रति आवास प्लास्टर पुताई लोगों पूर्ण होने के पश्चात
प्रति घर की दर से भुगतान किए जाने का प्रावधान है। इस व्यवस्था का उद्देश्य यह था कि आवास मित्र योजनाओं में सक्रिय रूप से भाग लें और लाभार्थियों को समय पर मकान निर्माण की दिशा में मार्गदर्शन व सहयोग प्रदान कर सकें।
समय पर काम पूरा, पर भुगतान अधूरा
जिला पंचायत द्वारा भेजे गए पत्र में कहा गया है कि जिले के विभिन्न जनपद पंचायतों में कार्यरत आवास मित्रों ने समय-सीमा के भीतर लाभार्थियों के घरों का निर्माण पूरा कराया। उनकी मेहनत और सक्रियता से अनेक परिवारों को समय पर पक्का मकान मिल सका। लेकिन विडंबना यह है कि अब तक उन्हें उनकी निर्धारित प्रोत्साहन राशि का भुगतान नहीं हुआ है।
इस स्थिति से आवास मित्रों में गहरी निराशा व्याप्त है। भुगतान न मिलने की वजह से कई लोग अब आगे काम करने से हिचक रहे हैं। इससे योजना के सुचारू संचालन में भी कठिनाई आने लगी है।
योजना संचालन पर असर
आवास मित्र इस योजना की रीढ़ माने जाते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में वे लाभार्थियों को न केवल तकनीकी मार्गदर्शन देते हैं, बल्कि सरकारी प्रक्रियाओं से जोड़ने, सामग्री की व्यवस्था कराने, समय-सीमा का पालन कराने और प्रगति की जानकारी देने का कार्य भी करते हैं। उनके बिना योजना का सफल क्रियान्वयन मुश्किल माना जाता है।
यदि उन्हें समय पर प्रोत्साहन राशि नहीं मिलेगी तो उनका मनोबल प्रभावित होगा और वे पूरी गंभीरता से कार्य करने से पीछे हट सकते हैं। इससे न केवल आवास निर्माण कार्य बाधित होगा बल्कि केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के उद्देश्यों पर भी असर पड़ेगा।
आवास मित्रों की पीड़ा
कई आवास मित्रों का कहना है कि वे पिछले 8 से 9 माह लगातार घर निर्माण कार्य में सक्रिय रहे। निर्धारित समय में कार्य पूरा कराने के लिए उन्होंने अतिरिक्त मेहनत भी की। लेकिन अब तक उनकी मेहनत का प्रतिफल उन्हें नहीं मिला है।
उनका कहना है कि वे स्वयं भी आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। सरकार से जो थोड़ी-बहुत राशि मिलनी थी, वह भी रोकी हुई है। ऐसे में उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।
जिला पंचायत की पहल
जिला पंचायत जांजगीर-चांपा ने इस स्थिति को गंभीर मानते हुए कलेक्टर से हस्तक्षेप की मांग की है। पत्र में कहा गया है कि सभी जनपद पंचायतों में लंबित भुगतान को शीघ्र स्वीकृति देकर आवास मित्रों को राशि दिलाई जाए।
जिला पंचायत का मानना है कि यदि भुगतान तत्काल किया जाता है तो इससे आवास मित्रों का उत्साह बढ़ेगा और वे आगामी कार्यों में और अधिक सक्रिय रहेंगे। साथ ही योजना का क्रियान्वयन भी तेज गति से आगे बढ़ सकेगा।
आवास मित्रों की मांग
आवास मित्रों ने भी जिला पंचायत और कलेक्टर से गुहार लगाई है कि उनकी बकाया प्रोत्साहन राशि का भुगतान प्राथमिकता पर किया जाए। उनका कहना है कि उन्होंने पूरी निष्ठा से कार्य किया है और अब सरकार को भी उनके प्रति संवेदनशील होकर शीघ्र भुगतान करना चाहिए।
भविष्य की चुनौतियाँ
यदि भुगतान में और देर होती है तो कई आवास मित्र काम छोड़ सकते हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लक्ष्य पूरे करने में जिला प्रशासन को मुश्किलें झेलनी पड़ सकती हैं। समय पर मकान न बनने से ग्रामीण परिवारों को भी परेशानी होगी और योजना की छवि पर प्रश्नचिह्न लग सकता है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) गरीबों को पक्का घर देने की एक महत्वपूर्ण पहल है। इसमें आवास मित्रों की भूमिका निर्णायक है। उनकी मेहनत और सक्रियता से ही समय पर घरों का निर्माण संभव हो पाता है। लेकिन जब उनकी मेहनत का उचित प्रतिफल उन्हें न मिले तो उनके मन में असंतोष पैदा होना स्वाभाविक है।
अब देखना यह होगा कि जिला प्रशासन और शासन स्तर पर इस मामले में कितनी गंभीरता दिखाई जाती है और कब तक आवास मित्रों को उनकी प्रोत्साहन राशि मिल पाती है।




