सारागांव के बीच आबादी क्षेत्र में बन रही उसना राइस मिल से बढ़ा प्रदूषण का खतरा, ग्रामीणों ने कलेक्टर से की शिकायत

सारागांव के बीच आबादी क्षेत्र में बन रही उसना राइस मिल से बढ़ा प्रदूषण का खतरा, ग्रामीणों ने कलेक्टर से की शिकायत
छत्तीसगढ़:जांजगीर-चांपा (छ.ग)
नगर पंचायत सारागांव के वार्ड क्रमांक 10 में बन रही नारायणी राइस मिल के उसना राइस प्लांट को लेकर क्षेत्र के ग्रामीणों में भारी आक्रोश व्याप्त है। ग्रामीणों का कहना है कि यह मिल पूरी तरह से आबादी क्षेत्र के बीच स्थापित की जा रही है, जिससे स्वास्थ्य, पर्यावरण और जनजीवन पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। इस संबंध में ग्रामवासियों ने जिला कलेक्टर जांजगीर-चांपा को सामूहिक रूप से आवेदन देकर उक्त राइस मिल के निर्माण और संचालन को तत्काल रोकने की मांग की है।
ग्रामीणों ने बताया कि मिल का निर्माण कार्य तेजी से जारी है, और कार्य शुरू होते ही क्षेत्र में प्रदूषण का असर साफ दिखाई देने लगा है। लगातार उठने वाला धुआँ, पुआँ और भाप हवा को दूषित कर रहा है, जिससे सांस संबंधी बीमारियाँ फैलने लगी हैं। खासतौर पर बच्चे और बुजुर्ग खाँसी, दमा और सिरदर्द जैसी परेशानियों से जूझ रहे हैं।
ग्रामीणों के अनुसार, मिल से निकलने वाले शोर और कंपन के कारण दिन-रात चैन से रहना मुश्किल हो गया है। मशीनों और ट्रकों की लगातार आवाजें क्षेत्र में शोर प्रदूषण फैला रही हैं। साथ ही, मिल से निकलने वाला अपशिष्ट जल और भूसी पूरे क्षेत्र में गंदगी फैलाने का कारण बन रहा है। इससे मच्छरों की संख्या में भारी बढ़ोतरी हुई है और बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है।
शिकायतकर्ताओं ने यह भी बताया कि राइस मिल से निकलने वाला कचरा और धुआँ आसपास के खेतों और पेयजल स्रोतों को भी प्रदूषित कर रहा है, जिससे खेती पर बुरा असर पड़ रहा है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों को आबादी क्षेत्र से हटाकर औद्योगिक क्षेत्र में स्थानांतरित किया जाए, ताकि जनस्वास्थ्य और पर्यावरण सुरक्षित रह सके।
ग्रामीणों ने अपने आवेदन में यह भी उल्लेख किया कि पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 और वायु प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम, 1981 के तहत बिना राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की स्वीकृति के इस प्रकार के उद्योगों का संचालन पूरी तरह अवैध है। इसलिए जिला प्रशासन को इस मामले की तत्काल जांच कर, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से रिपोर्ट मंगवानी चाहिए और आवश्यक कार्रवाई करनी चाहिए।
इस अवसर पर डॉ. भीमराव अंबेडकर युवा संगठन सारागांव के सदस्य और ग्रामवासी सामूहिक रूप से जिला कलेक्टर एवं एसडीएम चांपा कार्यालय पहुँचे। संगठन के सदस्यों में मुकेश कुमार कारकेल, प्रशांत कुमार किरण, अनिकेश, गोपाल रोहिदास, परमेश्वर, रामगोपाल, भानू सूर्यवंशी, अरविंद, मनोज कुमार, गौतम, पुष्पराज, शेखर, अमन, हेमंत, प्रदीप, धोनी ,चंद्रशेखर, जयप्रकाश, हेतराम, अरुण, धनेश्वर दिनेश रात्रे (पार्षद) सहित अनेक ग्रामीण उपस्थित रहे। और ग्रामवासी एवं नगर पंचायत अध्यक्ष छविलाल सूर्यवंशी जी तथा समस्त पार्षदों के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपा गया। आवेदन में स्पष्ट रूप से मांग की गई है कि जिला प्रशासन तत्काल जांच कराए, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से रिपोर्ट मंगवाए, और उसना राइस मिल के निर्माण एवं संचालन को तत्काल प्रभाव से बंद करवाए।
ग्रामीणों ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने शीघ्र कार्रवाई नहीं की, तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे। आवेदन की प्रतिलिपि अनुविभागीय अधिकारी चांपा, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड रायपुर और माननीय मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन को भी भेजी गई है।
नगरवासियों ने एकजुट होकर यह नारा दिया —
“हमारा गाँव स्वच्छ रहे, स्वस्थ रहे, मिल को आबादी क्षेत्र से हटाया जाए।”
ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय रहते इस मामले पर प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया, तो आने वाले दिनों में सारागांव की हवा और पानी दोनों प्रदूषित हो जाएंगे, जिससे यहाँ के नागरिकों का जीवन संकट में पड़ जाएगा। इसलिए ग्रामीणों ने प्रशासन से जल्द से जल्द ठोस कार्रवाई करने की अपील की है।




