छत्तीसगढ़जांजगीर-चांपादेशधर्मराज्य

जांजगीर चांपा जिला के कई थाना प्रभारीयों द्वारा आराधना एव चर्चो को बंद करने का भेजा नोटिस जिससे शांतिप्रिया मसीही समाज में आक्रोश, संयुक्त मसीही समाज एवं चर्च वेलफेयर सोसाइटी पहुंचे जिला कलेक्ट्रेट

*जांजगीर चांपा जिले के कई थाना प्रभारियों द्वारा सार्जेंट चर्च एवो को बंद करने का नोटिस भेजा गया है, जिसमें शांतिप्रिया मसीही समाज के संयोजक, संयुक्त मसीही समाज एवं चर्च मेमोरियल सोसाइटी जिला पदाधिकारी * शामिल हैं।

छत्तीसगढ़: जांजगीर-चांपा।
जांजगीर चांपा चर्च सोसाइटी के जिला अध्यक्षों द्वारा एक महत्वपूर्ण आवेदन जारी किया गया है, जिसमें जिले में चर्च की धार्मिक यात्रा एवं प्रार्थना सभाओं के लिए सामान्य रूप से अनुमति की मांग की गई है। यह आवेदन 10 नवंबर 2025 को जिला कार्यालय में जमा हो गया था। संविधान द्वारा प्रदत्त धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लेख किया गया है, सोसायटी ने स्पष्ट किया है कि वे अपने धार्मिक एवं सामाजिक कार्यक्रम सोलो इंकम से संचालित कर रहे हैं।

सोसाइटी ने बताया कि भारत के संविधान के अनुसार 25 से 28 तक प्रत्येक नागरिक को अपने धर्म का पालन, प्रचार और प्रसार करने का अधिकार प्राप्त है। इन संवैधानिक अधिकारों के आधार पर चर्च में प्रार्थना सभा, साजिया, बाइबिल अध्ययन, पूजा गीत और परिवार संगति साजिद आश्रम नियमित रूप से संचालित की जाती हैं, जो पूरी तरह से तरह-तरह के छात्र-छात्राएँ और समुदाय में होते हैं।

➤ पुलिस नोटिस एवं साज़िशों पर रोक से समाज में गंभीर चिंता, शांति प्रिय जीवन परिचय करने वाली मसीहियो में सच्चाई

आवेदन में यह गंभीर समस्या यह भी सामने आई है कि हाल के दिनों में विभिन्न क्षेत्रों से अलग-अलग पुलिस सुरक्षा बल कई चर्चों और ईसाई समाज के लोगों द्वारा जारी किए गए हैं। इन नोटिसों में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि प्रशासन से प्राप्त जानकारी के बिना किसी भी प्रकार की पूजा या धार्मिक सभा को बंद नहीं किया जा सकता है, अन्यथा दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

विश्वासियों के आधार पर कई स्थानों पर शांति बनी हुई है। सोसाइटी ने कहा कि यह परिस्थितियाँ धार्मिक स्वतंत्रता के मूल अधिकारों पर प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं।

➤संविधान दिवस (26 नवंबर) पर प्रतिमा चित्रकार समाज ने राखी अपनी बात रखी

 

संविधान दिवस 26 नवंबर के अवसर पर बड़ी संख्या में मसीही समाज के लोग चर्च पेस्टर जिला पश्चिम एशिया और संयुक्त डेमोक्रेट से मिलकर इस पूरे विषय पर विस्तार से चर्चा की गई। समाज के रचनाकारों ने कहा कि:

वे वर्षों से प्लास्टिक के इनबिल्ट से साज़िश करते आ रहे हैं।

सभी कार्यक्रम खुले में, पूर्ण जानकारी और छात्रवृत्ति के साथ जारी रहते हैं।

किसी भी प्रकार की अवैध या नाटकीय भूमिका प्रदर्शित नहीं की जा सकती।

मसीही समाज ने बताया कि अचानक से धार्मिक कृत्यों पर प्रतिबंध लगाने वाला एक नोटिस जारी किया गया जो संविधान की भावना के खिलाफ है। उन्होंने प्रशासन से धार्मिक स्थलों के संचालन के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करते हुए धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान करने की मांग की।

➤ स्केट से सुरक्षा और स्पष्ट रूप से रिलीज करने का प्रस्ताव

चर्च मेमोरियल सोसाइटी ने जिला कलेक्टर से पोस्टिंग मांगें रखीं:

1. धार्मिक आस्था और प्रार्थना सभाओं के लिए स्पष्ट सार्वजनिक स्वामित्व वाली पेशकश की जाए।
2.ऑस्ट्रेलियाई प्रोग्राम्स में एस्ट्रोवैस्ट इंटरेक्शन बंद है।
3. रेस्तरां में मौजूद पादरी, समुदाय और आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय पुलिस को निर्देश दिए गए हैं।

4. संविधान द्वारा प्रदत्त धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार की रक्षा की जाये।

➤ शांति एवं सुविधा भंडार का खंड

अंत में सोसाइटी ने कहा कि मसीही समाज को हमेशा के लिए शांति, आश्रम और सामाजिक एकता का तटस्थता बनाए रखना है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि प्रशासन अपने संवैधानिक संविधान का सम्मान करते हुए आवश्यक कदम उठाएगा।

आवेदन पर चर्च अलॉटमेंट सोसाइटी के सदस्यों द्वारा संयुक्त हस्ताक्षर किये गये और इसे जिला प्रशासन के रूप में नियुक्त किया गया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!