भारतीय संविधान की रक्षा के लिए मसीहों एवं अल्पसंख्यक समुदायों के साथ भीम आर्मी मैदान पर
मसीहीयों के सम्मान में भीम आर्मी मैदान में, धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए अभियान शुरू

मसीहीयों के सम्मान में भीम आर्मी मैदान में, धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए अभियान शुरू

छत्तीसगढ़: जिला सक्ति।
भारतीय संविधान में सभी नागरिकों को समान अधिकार और धार्मिक स्वतंत्रता प्रदान की गई है। अनुच्छेद 25 से 28 तक स्पष्ट रूप से उल्लेखित है कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने धर्म का पालन करने, प्रचार करने और स्वतंत्र रूप से उपासना करने का अधिकार है। इसी संवैधानिक अधिकार की रक्षा और जागरूकता फैलाने के लिए अब मसीही समाज एवं अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के साथ भीम आर्मी के पदाधिकारी मैदान पर उतर गए हैं।
शक्ति जिले के विभिन्न स्थानों पर भीम आर्मी ने मसीही समुदाय से मुलाकात करते हुए उन्हें भारतीय संविधान के तहत धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकारों की जानकारी दी। इस अवसर पर भीम आर्मी जिला अध्यक्ष माननीय नंदलाल कुर्रे, पूर्व लोकसभा प्रत्याशी माननीय दीपक कुटे, जिला उपाध्यक्ष माननीय जीत सोनवानी और मसीही नेतृत्वकर्ता मुन्ना भारद्वाज ने संयुक्त रूप से कहा कि अब समय आ गया है जब हर नागरिक अपने अधिकारों और सम्मान की रक्षा के लिए एकजुट होकर खड़ा हो।

कार्यक्रम के तहत आज का रूट तय किया गया था जिसमें तीन प्रमुख स्थानों पर बैठकें आयोजित की गईं।
1. भातमहुल, जैजैपुर – यहाँ पर स्थानीय पास्टर वीर सिंह की अगुवाई में सभा हुई।
2. पिरदा, जैजैपुर – इस स्थान पर स्थानीय पास्टर राम सिंह ने लोगों को संगठित किया।
3. तुषार, जैजैपुर – यहाँ पास्टर सुरेश निराला ने सभा का नेतृत्व किया।
भीम आर्मी के नेताओं ने कहा कि भारतीय संविधान हर नागरिक को यह अधिकार देता है कि वह अपने धर्म की स्वतंत्र रूप से उपासना और पालन कर सके। अनुच्छेद 25 धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देता है, अनुच्छेद 26 धार्मिक संस्थाओं को प्रबंधन का अधिकार देता है, अनुच्छेद 27 कराधान से सुरक्षा देता है और अनुच्छेद 28 शैक्षणिक संस्थानों में धार्मिक शिक्षा की व्यवस्था को स्पष्ट करता है। इन संवैधानिक प्रावधानों की जानकारी आम जनता तक पहुँचाना आवश्यक है ताकि कोई भी सामाजिक या प्रशासनिक तत्व किसी नागरिक की धार्मिक स्वतंत्रता को बाधित न कर सके।
भीम आर्मी पदाधिकारियों ने यह भी कहा कि संविधान सिर्फ एक किताब नहीं है, बल्कि यह प्रत्येक नागरिक के अधिकार और सम्मान का संरक्षक है। यदि किसी भी नागरिक, चाहे वह मसीही हो या किसी भी अल्पसंख्यक समुदाय से हो, उसके अधिकारों का हनन किया जाता है, तो यह सीधा संविधान पर आघात है।
अंत में सभा में यह संकल्प लिया गया कि मसीही समाज एवं अन्य अल्पसंख्यक समुदाय के लोग भीम आर्मी के साथ मिलकर भारतीय संविधान की रक्षा और धार्मिक स्वतंत्रता के सम्मान के लिए एकजुट रहेंगे।




