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छत्तीसगढ़ का नाम रोशन: दिल्ली में मिला “युवा कम्युनिटी चैंपियन अवार्ड” और “वर्ल्ड रिकॉर्ड ऑफ एक्सीलेंस” सम्मान

छत्तीसगढ़ का नाम रोशन: दिल्ली में मिला “युवा कम्युनिटी चैंपियन अवार्ड” और “वर्ल्ड रिकॉर्ड ऑफ एक्सीलेंस” सम्मान

रिपोर्टर:- नंदू राम बंजारे

नई दिल्ली/रायपुर जांजगीर -चांपा छत्तीसगढ़ की धरती ने एक बार फिर देश की राजधानी दिल्ली में अपना लोहा मनवाया है। राष्ट्र की सेवा, एकता और अखंडता को समर्पित संस्था नेशनल इंटीग्रेटेड फोरम ऑफ आर्टिस्ट्स एंड एक्टिविस्ट्स (NIFAA) की सिल्वर जुबली (25वीं वर्षगांठ) के अवसर पर राजधानी दिल्ली में एक भव्य अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम अपने आप में ऐतिहासिक था क्योंकि इसमें न केवल भारत के अलग-अलग राज्यों से, बल्कि मॉरीशस, जापान, इंग्लैंड, दुबई और कनाडा जैसे देशों से भी समाजसेवी और युवा शामिल हुए।

 

इस दो दिवसीय भव्य समारोह का आयोजन दिल्ली के भारत मंडपम में बड़े ही गरिमामय वातावरण में किया गया। कार्यक्रम के प्रथम दिन आयोजित राष्ट्रीय पुरस्कार सम्मान समारोह में देशभर के युवाओं को उनकी समाज सेवा, सांस्कृतिक योगदान और प्रेरणादायक कार्यों के लिए सम्मानित किया गया। इसी अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य के बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के ग्राम बनडभरा के दो समर्पित समाजसेवी – श्री फूलेश कुमार कश्यप और श्री कुंजीलाल विश्वकर्मा को उनके समाज सेवा में उत्कृष्ट योगदान के लिए “युवा कम्युनिटी चैंपियन अवार्ड” तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त “वर्ल्ड रिकॉर्ड ऑफ एक्सीलेंस इंग्लैंड प्रमाणपत्र” से सम्मानित किया गया।

 

फूलेश कुमार कश्यप और कुंजीलाल विश्वकर्मा लंबे समय से समाज में महिला सशक्तिकरण, युवाओं के लिए नेतृत्व विकास, रक्तदान जागरूकता, साइबर क्राइम से बचाव, स्वच्छता अभियान, नशा मुक्ति आंदोलन और सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ लगातार काम कर रहे हैं। उन्होंने गांव-गांव जाकर लोगों को प्रेरित किया है कि समाज में बदलाव केवल सरकार के भरोसे नहीं, बल्कि हम सभी की जिम्मेदारी से आता है।

 

समारोह में मुख्य अतिथि प्रीतलाल पन्रू (चेयरमैन निफा), हरविंदर कल्याण (अध्यक्ष, हरियाणा विधानसभा), संजय पंजवानी (वर्ल्ड रिकॉर्ड ऑफ एक्सीलेंस इंग्लैंड), संदीप सिंह (दुबई प्रतिनिधि) समेत कई अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि उपस्थित रहे। सभी अतिथियों ने अपने उद्बोधन में कहा कि ऐसे युवा समाज के असली नायक हैं, जो चुपचाप मेहनत करके देश के भविष्य को उज्ज्वल बना रहे हैं।

 

पुरस्कार ग्रहण करते समय फूलेश कुमार कश्यप की आंखों में गर्व और विनम्रता दोनों झलक रही थीं। उन्होंने मंच से कहा –

 

> “यह सम्मान केवल मेरा व्यक्तिगत सम्मान नहीं है, बल्कि यह मेरे पूरे गांव, जिले और छत्तीसगढ़ की मिट्टी का सम्मान है। यह हमें और ज्यादा जिम्मेदारी से काम करने की प्रेरणा देता है। आने वाले समय में मैं और मेरी टीम समाज में जागरूकता फैलाने और युवाओं को सही दिशा देने का कार्य और तेज गति से करेंगे।”

 

 

 

इस गौरवपूर्ण सम्मान की खबर जैसे ही बनडभरा गांव पहुंची, गांव में उत्सव जैसा माहौल बन गया। फूलेश कुमार कश्यप के माता-पिता श्री रामचरण कश्यप और श्रीमती रामबाई कश्यप, परिजन, मित्रमंडली और पूरे गांव के लोग खुशी से झूम उठे। लोगों ने पटाखे फोड़े, मिठाइयां बांटी और ढोल-नगाड़ों के साथ इस ऐतिहासिक पल का जश्न मनाया। बुजुर्गों ने आशीर्वाद दिया और युवाओं ने उन्हें आदर्श मानने की बात कही।

 

गांव के सरपंच ने कहा कि –

 

> “फूलेश कुमार कश्यप जैसे युवाओं पर पूरे गांव को गर्व है। उन्होंने हमारे गांव का नाम पूरे देश में रोशन किया है। यह पुरस्कार आने वाली पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा का काम करेगा।”

 

 

 

इस सम्मान से पूरे जिले में उत्साह की लहर दौड़ गई है। जिले के स्कूल-कॉलेजों के विद्यार्थियों से लेकर विभिन्न सामाजिक संगठनों ने फूलेश कुमार कश्यप और कुंजीलाल विश्वकर्मा को बधाई संदेश भेजे हैं। सोशल मीडिया पर भी इन्हें बधाई देने वालों की लंबी कतार लगी हुई है।

 

यह पुरस्कार और सम्मान साबित करता है कि छत्तीसगढ़ का युवा किसी से कम नहीं है, वह न केवल अपने राज्य बल्कि पूरे देश का नाम रोशन कर रहा है।

 

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